एक मानव समाज
आनंद मार्ग पद्धति से अंतरजातीय विप्लवी विवाह रांची निवासी उमेश शर्मा एवं विमला देवी के पुत्र चिरंजीवी सूरज कुमार और मेदनीनगर निवासी नंद कुमार सिंह एवं रेनू देवी की सुपुत्री आयुष्मति प्रीति कुमारी के बीच संपन्न हुआ
आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी जाति विहीन समाज की संरचना के लिए अंतरजातीय विप्लवी विवाह को प्रोत्साहित किया। अंतरजातीय विवाह के अलावा उन्होंने आदर्श वैवाहिक जीवन यापन करने के लिए यम नियम ,षोडश विधि और ध्यान का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने विवाह की पद्धति को भी सारे आडंबओ से दूर रखा। उन्होंने विवाह का पौरोहित्य का कार्य आचार्य एवं सामान्य अनुयायियों के माध्यम बनाया। इस अंतरजातीय विप्लवी विवाह को उन्होंने दहेज से शोषण मुक्त रखा
अब दुल्हा ना कोई बिकेगा, ना चलने देंगे जात पात का बाजार,
आज कसम हम लेंगे संग में ,बंद करेंगे यह व्यापार,
हो बिना दहेज जो ब्याह को राजी,उसी से ब्याह रचाएँगे ,